Thursday, January 10, 2019

Episode -15 अग्नि तत्व प्रथम का आकार और स्वभाव

Episode - 15
अग्नि तत्व प्रथम का आकार और स्वभाव

      अग्नि तत्व प्रथम की हथेली का आकार लम्बाई की अपेक्षा चौड़ाई ज्यादा होती है ऐसी हथेली को देखने से ही ये हथेली चोड़ी चोड़ी दिखती है और अगर इसके प्रतिशत की बात करे तो ये 101% से ऊपर की जो हथेलियां होती है वो अग्नि तत्व प्रथम की हथेली होगी लेकिन ऐसी हथेली अभ्यास में बहुत कम देखने मे आती है।

      अग्नि तत्व प्रथम की हथेली वाले जातक का स्वभाव राजा के जैसा होता है और किसी के अधीन रह कर काम करना बहुत मुश्किल होता है, ऐसे जातक बहुत जोशीले और गुस्सैल होते है और अमूमन ऐसे जातकों का गुस्सा जायज ही होता है, ऐसे जातक में देश भक्ति भी कूट कूट कर भरी होती है और अपने देश, धर्म, समाज और परिवार के लिए कोई भी व्यक्ति अगर उलटा पुल्टा बोलते है तो ऐसे जातक उसकी जबान खिंचने की भी ताकत रखते है, ऐसे जातक बहुत ज्यादा निडर और साहसी होते है और डर क्या होता है ऐसे जातकों को पता भी नहीं रहता है।

      अग्नि तत्व प्रथम वाले जातक बहुत उतावला होते है, परोपकारी होते है और दूसरों को तकलीफ में देख कर उनकी मदद के लिए कूद पड़ते है बिना परिणाम की चिंता किये, ऐसे जातक प्रशासनिक कार्यों में माहिर होते है, और बड़े बड़े मान सम्मान और पद प्रतिष्ठा से इन्हें सम्मानित किया जाता है, ऐसे जातक पढ़ने में और जिस किसी काम को हाथ मे लेते है उसमें ये अव्वल रहते है, ऐसे जातक बहुत ज्यादा मेहनती होते है अपने सभी काम ये जल्द से जल्द खत्म कर देना चाहते है।

      अग्नि तत्व प्रथम के जातक के पास उच्च आत्म विश्वास होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इतनी अच्छी होती है कि कोई भी बीमारी इन्हें छू भी नहीं सकती बस पित के कुछ रोगों से ये जरूर थोड़े बहुत परेशान रहते है, ऐसे जातक खूबसूरत भी बहुत होते है इनके चेहरे के सभी नक्श तीखे तीखे होते है और साथ ही साथ शरीर भी गंठिला और मजबूत डील डोल वाला होता है, ऐसे जातक की पिता से, मुखिया से और बोस से बहुत अच्छी बनती है और अगर किसी कारणवश इनकी नहीं बनती तो ये इनके नीचे काम नहीं कर सकता और अपना अलग ही कुछ करेगा, ऐसे जातकों को अपने जन्म से पूर्व दिशा में बहुत अच्छा लाभ मिलता है।

      अग्नि तत्व प्रथम के जातक सक्रिय राजनीति का हिस्सा होते है और बचपन से ही नेतृत्व की बहुत जोरदार क्षमता होती है इनके पास, लोगों से काम करवाने की बहुत अच्छी कला भी इनके पास होती है, ऐसे जातकों को अपने विषय में बहुत गहरा जुनून होता है और अपने काम के लिए कुछ भी कर सकते है, ऐसे जातक अपने जीवन में बहुत अच्छी प्रसिद्धि पाते है और राजकीय सम्मानों से भी इनका बहुमान किया जाता है, ऐसे जातक बहुत शूरवीर होते है हर क्षण, हर पल ये मुसीबत में फँसे लोगों की मदद करने में तैयार रहते है और ऐसे जातकों को अपने जन्म स्थान से दूर या प्रदेश में भी बहुत सफल होते देखा गया है।

      ऐसे जातक अगर गर्म देशों या शहरों में निवास करते है तो उन्हें काफी परेशान होना पड़ता है, इन्हें गर्मी बिल्कुल सहन नहीं होती है और पसीने के भी दुर्गंध आती है, और अगर ये बहुत ज्यादा गर्मी में कुछ काम करते रहते है तो इनके नाक से खून के गिरने की भी परेशानी रहती है।


Friday, December 7, 2018

Episode - 12 आकाश तत्व द्वितीय की हथेली का आकार और स्वभाव

आकाश तत्व द्वितीय की हथेली का आकार और स्वभाव

      लंबी और चौड़ाई ली हुई हथेली आकाश तत्व द्वितीय की हथेली का आकार होता है और जैसे जैसे हथेली की चौड़ाई बढ़ती जाती है वैसे वैसे अग्नि का प्रभाव बढ़ता जाता है और जैसे जैसे अग्नि का प्रभाव बढ़ता है वैसे वैसे नकारात्मकता बढ़ती है

      आकाश तत्व द्वितीय की हथेली वाले जातक बहुत जोशीले, गुस्सैल और आक्रामक होते है, छोटी छोटी बातों में इन्हें बहुत तेज और बहुत तेजी से गुस्सा आता है, ऐसा जातक बहुत उतावला, झूठा और मजाकिया होता है, दिखावा करने में, आडंबर करने में और रूप बदलने में इन्हें महारथ हासिल होती है, ऐसे जातकों का बोला गया झूठ पकड़ना बहुत मुश्किल होता है।

       ऐसे जातक के पास उच्च आत्म विश्वास होता है, बहुत निडर और साहसिक भी होते है, ऐसे जातक बहुत अच्छे डांसर भी होते है,  ऐसे जातक वाणी के भी जादूगर होते है लेकिन थोड़ा जोर से बोलने की इनको आदत रहती है,

सजना सँवरना, ऊंचा रहन सहन, ऊंचा खान पान, और ऊंचे और महँगे फैशन के शौकीन होते है, बहुत फिजूल खर्ची होते है, ऐसे जातक खुद को हमेशा सुर्खियों में बनाये रखना चाहते है लोगों को अपनी और आकर्षित करके रखना चाहते है, लोगों को बेवकूफ बनाना, बोतल में उतारना इनके बांय हाथ का खेल है।

      ऐसे जातक में कामोतेजनाएँ बहुत ज्यादा होती है जिसकी वजह से ये अपने चरित्र को भी नहीं संभाल पाते है, लोगों को धमकाना या धमकाने की अंदाज में बात करना, बेईमान, स्वार्थी, लोभी और लालची होते है और ऐसे लोगों का विश्वास करना खतरे से खाली नहीं है ऐसे जातक अपने फायदे के लिए ये किसी का भी नुकसान कर सकते है, बदतमीज और खाने पीने के पेटू होते है, ऐसे जातकों का चरित्र भी संदिग्ध होता है, मानसिक उथल पुथल और मानसिक परेशानियाँ भी चलती रहती है, बहुत चंचल होते है, और चंचलता और अस्थिरता इनके जीवन का हिस्सा होते है।

      ऐसे जातक बहुत मेहनती भी होते है लेकिन इनको इनकी मेहनत के हिसाब से इनको पारिश्रमिक भी नहीं मिलता है, बहुत विस्फोटक होते है, नास्तिक होते है।

ऐसे जातक गैर कानूनी काम, राष्ट्र विरोधी काम, आतंकवादी, बलात्कार, वेश्या, और बहुत निर्दय भी हो सकते है लेकिन ये स्थिति जैसे जैसे हथेली की चोड़ाई बढ़ेगी वैसे वैसे उसकी नकारात्मकता बढ़ेगी।


Wednesday, December 5, 2018

Episode - 11 आकाश तत्व प्रथम की हथेली का आकार और स्वभाव


Episode - 11 आकाश तत्व प्रथम की हथेली का आकार और स्वभाव

      आकाश तत्व प्रथम की हथेली का आकार लंबा और किंचित चौड़ाई लिए हुए होता है और 76%-81% की हथेली होती है।

      ऐसे जातक आकर्षक होते है, मनमौजी और जिंदादिल होते है, दिखने में भी सुंदर होते है, इन जातकों के प्रति लोगों का एक मोह होता है या यूं कहें कि लोग इनकी तरफ सम्मोहित होते है, ऐसे जातक सुकुमार या बहुत नाजुक होते है, चरित्र के प्रति तटस्थ और चरित्रवान होते है, ऐसे जातक चंचल होते है, और मानसिक चंचलता भी बनी रहती है और जब भी इनकी मानसिक चंचलता बढ़ती है तो जातक का स्वभाव एक दम रूखा रूखा लगने लगता है, ऐसे जातक बहुत किफायती भी होते है और बहुत सोच विचार कर ही पैसे खर्चते है और कम पैसों में बहुत अच्छा काम करने की भी क्षमता होती है, साथ ही साथ ऐसे जातक एकदम ही निस्वार्थी होते है और किसी से भी किसी तरह का ऐसे जातक स्वार्थ नही रखते है।

      अगर ऐसी जातक महिला है तो शुद्ध प्रेमिका, शुद्ध पत्नी होती है, और बहुत अच्छी गृहणी होती है, इन्हें घर के काम, चूल्हा चोंका, बच्चो को पालना, पति और परिवार की सेवा में आनंद आता है, इन्हें किसी तरह की नाम कमाने की लालसा नही होती है और न ही कुछ करने की या आगे बढ़ने की भावना होती है बस ये अपनी जिंदगी में, ग्रहणी जीवन में बहुत खुश होती है।

      ऐसे जातक शुद्ध प्रेमी/प्रेमिका और शुद्ध पति/पत्नी होते है और प्रेम के प्रति समर्पण की भावना होती है, और अपने प्रेम के लिए जान तक देने को तैयार रहते है,  साथ ही साथ ऐसे जातक बहुत चरित्रवान होते है, सजना – सँवरना और श्रृंगार करना इनके जीवन का हिस्सा होता है लेकिन जितना अच्छा लगे उतना ही करते है, ऐसे जातक दिखावे पे भी बहुत विश्वास करते है, और अपनी तारीफ़ सुनने पे इन्हें आनंद आता है, ऐसे जातक ईर्षालु भी होते है, ऐसे जातक बहुत सहनशील होते है और अपनी परेशानियों से जूझते रहना का भी बड़ा हौसला होता है और सहन साक्ति की बहुत अच्छी मिसाल होते है।

      ऐसे जातकों को गुस्सा भी बहुत जल्दी आता है और बहुत जल्दी चला भी जाता है, आवेग और कामोतेजनाएँ भी संयमित रहती है, ऐसे जातक बहुत सफाई से और तरीके बद्ध ढंग से अपना काम करते है, हर काम को एक व्यवस्थित ढंग से करते है और साफ सफाई और स्वछता के प्रति भी सजग रहते है, कुछ भी करेंगे वो व्यवस्थित और अच्छा लगे उसी तरीके से करेंगे, ऐसे जातक हमेशा अपने जीवन को आगे से आगे प्लान करता रहता है उनके विषय मे लगातार चिंतन और मंथन करते रहते है, सुख सुविधाओं को ले कर भी ऐसे जातक आगे से आगे हमेशा अपडेट रहते है और उन्हें इस्तेमाल कर जीवन को सरल बनाने की कोशिस करते रहते है।

         ऐसे जातको का रहन सहन और खान पान बहुत ऊंचा और बहुत अच्छा होता है ऐसे जातक अपने रहन सहन और खान पान को ले कर हमेशा जागरूक रहते है।

      कला के क्षेत्र में भी ऐसे जातक अग्रणी रहते है ये अपने हाथों से कागज पे, लकड़ी पे, पत्थरों में, मिट्टी में या कला के कोई भी रूप में जान डाल सकते है।

ऐसे जातकों को उच्च रहन–सहन और सुख सुविधाओं की तरफ आकर्षित रहते है, सजा धजा घर, साफ सुथरे और अच्छे कपड़े, गाड़ी घोड़े सब कुछ अच्छा और बेहतर चाहिए।

     ऐसे जातकों का बहुत अच्छा मान सम्मान और प्रतिष्ठा होती है और अकसर लोग इनकी सहन शक्ति और बहुत अच्छे स्वभाव की वजह से लोग इनकी तारीफ करते है।



Tuesday, December 4, 2018

Episode - 07 - नाखून के प्रकार का परिचय

Episode - 07 - नाखून के प्रकार का परिचय

।।जय माता दी।। दोस्तों

आज नाखून के प्रकार और उनके तत्वों के बारे में चर्चा करेंग या यूं कहूँ की आज आपका, मैं नाखून के प्रकार से परिचय कराऊंगा

मैं डॉ विवेक सुराना, आपका एक बार फिर मेरे Youtube Channel, Micro Palmistry पे हार्दिक स्वागत है।
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मेरे चेन्नल को इतना अच्छा Response देने के लिए मैं मेरे सभी दोस्तों का तहदिल से शुक्रगुजार हूं।
अंगुलियों के नाखून भी इनके आकार और रंगों के हिसाब से अलग अलग होते है और ये अलग अलग नाखून भी जातक की प्रकृति में परिवर्तन करते है

और जातक के प्रकृति के इस परिवर्तन को समझने के लिए आपको सूक्ष्म से सूक्ष्म बातो पे ध्यान देना होगा और सूक्ष्मता की कड़ी में नाखून को समझना बहुत जरूरी है

आइये इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए नाखून के प्रकार को समझते है।

साथ ही साथ एक बहुत महत्वपूर्ण आपको बात बता दु, नाखून के आकार, रंग और प्रकार का महत्व बीमारियों को समझने में भी बहुत जरूरी है और अगर कोई दोष, नाखून तक पहुंच गया है तो उस रोग के इलाज के लिए आपको बहुत परिश्रम करना पड़ेगा।

सबसे पहले जानेंगे कि कितने प्रकार के नाखून अभ्यास में देखने मे आते है
चिकने नाखून
रूखा और नालीदार नाखून (रोगी)
आगे से चमड़ी में धसे हुए नाखून
आगे से ऊपर उठा हुआ नाखून
रूखा सूखा नाखून (रोगी)
आगे की तरफ मुड़े हुए नाखून (शेर के नाखून की तरह)
परतों से बना हुआ नाखून
नालीदार नाखून (रोगी)
कछुये की पीठनुमा उभरा हुआ नाखून
नाखून का बहुत कमजोर होना बार बार चटकना या टूटना (रोगी)
मिश्रित नाखून

लगभग ऊपर लिखे हुए नाखून अभ्यास में देखने मे आते है और नाखून से भी जातक के रोग और उसके इलाज में कितना समय लगेगा बताया जा सकता है।

आइये अब इन नाखून के प्रकारों को और उनके तत्व संबंधों को समझने की कोशिस करते है, कोनसे प्रकार के नाखून से जातक की प्रकृति में क्या परिवर्तन आएगा उन्हें तत्वों से बड़ी आसानी से समझा जाएगा।

नाखून के प्रकारों को मैं आपको तत्वों के क्रम से बताऊंगा और आपको भी इन्हें तत्वों के क्रम में ही याद रखना है ताकि आगे आने वाले अध्यायों में आपको आसानी रहे।

आकाश तत्व - चिकने नाखून
आकाश तत्व - रूखा और नालीदार नाखून (रोगी)
वायु तत्व - आगे से चमड़ी में धसे हुए नाखून
वायु तत्व - आगे से ऊपर उठा हुआ नाखून
वायु तत्व - रूखा सूखा नाखून (रोगी)
अग्नि तत्व - आगे की तरफ मुड़े हुए नाखून (शेर के नाखून की तरह)
अग्नि तत्व - परतों से बना हुआ नाखून
अग्नि तत्व - नालीदार नाखून (रोगी)
जल तत्व -  कछुये की पीठनुमा उभरा हुआ नाखून
जल तत्व - नाखून का बहुत कमजोर होना बार बार चटकना या टूटना (रोगी)
पृथ्वी तत्व - मिश्रित तत्व

ये तत्वों का और नाखून के प्रकार का संबंध बताया है और इसे मैं आपको कुछ उदाहरणों से और भी अच्छे से क्लियर कर दु

जैसे किसी जातक का नाखून रूखा सूखा है तो ऐसे जातक का वायु तत्व कुपित होगा और वात जनित भयनकरो रोगों से पीड़ित होने की संभावना है।

जैसे किसी जातक का नाखून आगे की तरफ मुडा हुआ है (शेर के नाखून की तरह) तो ऐसे जातक में अग्नि तत्व का प्रभाव जातक में ज्यादा होगा और आक्रमकता बहुत ज्यादा होगी।


दूसरे Episode में सबसे पहले मैं बात करूंगा अंगुलियों के परिचय की, 


आज के Episode में मैने आपका अंगुलियों से परिचय करवाया और अगले Episode में मैं अंगुलियों के पौर और पौरो के तत्व संबंध पे बारे में चर्चा करूंगा।

यदि आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा  को समझना चाहते हैं, और उसकी गहराई नापने चाहते हैं और तत्व हस्तरेखा को सीखना चाहते है तो फिर मेरे Youtube Channel को Episode wise देखे ताकि आपको Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा धीरे धीरे समझ आने लगे और मेरी भी येही इच्छा है कि मैं Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को इतनी सरल भाषा मे समझाओ ताकि इसे सामान्य से सामान्य और एकदम नए लोग भी Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को सिख सके

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।।जय माता दी।।







Episode - 06 - नाखून के रंग

Episode - 06 - नाखून के रंग

।।जय माता दी।। दोस्तों

आज मैं नाखून के रंग और नाखून के रंगों के तत्व संबंध के बारे में चर्चा करूंगा या यूं कहूँ की आज आपका मैं नाखून के रंग से परिचय कराऊंगा

मैं डॉ विवेक सुराना, आपका एक बार फिर मेरे Youtube Channel, Micro Palmistry पे हार्दिक स्वागत है।
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पिछले Episode में मैंने नाखून के आकार पे चर्चा की और आज मैं नाखून के रंगों पे चर्चा करूंगा,  सबसे पहले मैं बात करूंगा नाखून के रंगों की,

अलग अंगुलियों पे अलग अलग रंग के नाखून भी जातक के व्यवहार और फलादेश को परिवर्तित करता है इसलिए अंगुलियों के नाखून के रंग को भी विस्तृत रूप से समझना बहुत जरूरी है।

सबसे पहले बात करेंगे कि कितने रंगों के नाखून होते है और उन्हें कैसे समझा जाए और ऐसा भी जरुरी नही के सभी रंगों के नाखून सभी जातक के हो ज्यादातर हल्के गुलाबी रंग के नाखून देखने मे आते है लेकिन उसके अलावा भी जिन रंगों के नाखून होते है वो भी समाज मे देखे जाते है तो आइए सबसे पहले समझते है कि कितने रंगों के नाखून होते है।

गुलाबी रंग के नाखून
नीले रंग के नाखून
काले रंग के नाखून
लाल रंग के नाखून
कत्थई रंग के नाखून
पिले रंग के नाखून
सफेद रंग के नाखून
हरित रंग के नाखून
मिश्रित रंग के नाखून

तो लगभग ये सभी रंग के नाखून अभ्यास में आपको मिलेंगे लेकिन गुलाबी और लाल रंग के अलावा बाकी दूसरे रंग बहुत कम प्रमाण में मिलेंगे।

अब इन नाखून के रंगों के तत्व संबंध को समझेंगे ताकि हम इन रंगों के गुण को समझ सके और जातक के फलादेश को बारीकी से समझ सके।

नाखून के रंगों को मैं तत्वों के क्रम से बताऊंगा और आपको भी इन्हें तत्वों के क्रम में याद रखना है ताकि आने वाले आगामी अध्यायों में आपको समझने में आसानी रहे और आपको भी तत्वों का क्रम अच्छे से याद हो जाये।

आकाश तत्व - गुलाबी रंग
वायु तत्व - नीला रंग
वायु तत्व - काला रंग
अग्नि तत्व - लाल रंग
अग्नि तत्व - कत्थई रंग
अग्नि तत्व - पिला रंग
जल तत्व - सफेद रंग
पृथ्वी तत्व - हरित रंग
पृथ्वी तत्व - मिश्रित रंग

अलग अलग नाखून के रंगों का अलग अलग तत्व से संबंध को मैने यंहा बताने की कोशिस की है सभी पाठक भी समझे और नाखून के रंग की वजह से जातक की प्रकर्ति में आये परिवर्तन को समझे और फलादेश को सटीकता की और ले जाये।

अगर किसी जातक के नाखून के रंग में परिवर्तन होता है तो ये परिवर्तन जातक की प्रकृति और स्वास्थ्य को देखेगा और अपने रंग और तत्व के अनुरूप ही अपना परिणाम देगा।

आज के Episode में मैने आपका नाखून के रंग से परिचय करवाया और अगले Episode में मैं नाखून के प्रकार और उनके तत्व संबंध पे बारे में चर्चा करूंगा।

यदि आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा  को समझना चाहते हैं, और उसकी गहराई नापने चाहते हैं और तत्व हस्तरेखा को सीखना चाहते है तो फिर मेरे Youtube Channel को Episode wise देखे ताकि आपको Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा धीरे धीरे समझ आने लगे और मेरी भी येही इच्छा है कि मैं Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को इतनी सरल भाषा मे समझाओ ताकि इसे सामान्य से सामान्य और एकदम नए लोग भी Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को सिख सके

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।।जय माता दी।।


Episode - 05 - नाखून के आकार

Episode - 05 - नाखून के आकार

।।जय माता दी।। दोस्तों

आज नाखून, नाखून का आकार और नाखून के तत्वों संबंधों के बारे में चर्चा करेंग या यूं कहूँ की आज आपका मैं नाखून से परिचय कराऊंगा

मैं डॉ विवेक सुराना, आपका एक बार फिर मेरे Youtube Channel, Micro Palmistry पे हार्दिक स्वागत है।
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आज के Episode में सबसे पहले मैं बात करूंगा नाखून के आकार की,

अलग अलग नाखून का आकार भी अंगुलियों के परिणाम में कुछ कुछ परिवर्तन करता रहता है, अलग अलग नाखून का आकार अलग अलग तत्वो के गुण को दर्शाता है और अलग अंगुली में अलग नाखून अपना अलग परिणाम देता है इसलिए इस विषय को भी समझना बहुत जरूरी है और जब अंगुलिया हथेली से लंबी है तब नाखून का प्रभाव और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

मैं सबसे पहले बात करूंगा नाखून के आकार की और बताऊंगा की अलग अलग आकार का नाखून किस तरह से अपना प्रभाव देता है।

नाखून के आकार कितने तरह के होते है इसका वर्णन में सबसे पहले करूंगा आइये इसे हस्त बोर्ड पे समझते है।
सबसे पहले बात करूंगा
शंकुकार नाखून

उसके बाद
अंडाकार नाखून

उसके बाद
लंबा नाखून

उसके बाद
चौड़ा नाखून

और उसके बाद
त्रिकोण नाखून

और उसके बाद
गोल नाखून

फिर उसके बाद सबसे अंत मे आएगा
वर्गाकार नाखून

इतने आकार के नाखून होते है और
इन सभी आकर का अलग अलग तत्वों से संबंध होता है और सब आकार के नाखून अपने तत्वों के अधीन अपना परिणाम देते है ।

अब जानेंगे की कोनसे आकार का नाखून कोनसे तत्व के अधीन आता है और इन्हें मैं तत्वों के क्रम से बताऊंगा और आपको भी उसी क्रम में याद रखना है ताकि आगे आने वाले विषयो में आपको आसानी रहे।
आकाश तत्व - शंकुकार नाखून

सबसे पहले बात करूंगा
आकाश तत्व - अंडाकार नाखून

उसके बाद
वायु तत्व - लंबा नाखून

उसके बाद
अग्नि तत्व - चौड़ा नाखून

और उसके बाद
अग्नि तत्व - त्रिकोण नाखून

और फिर उसके बाद
जल तत्व - गोल नाखून

फिर उसके बाद सबसे अंत मे आएगा
पृथ्वी तत्व - वर्गाकार नाखून

ये मैने नाखून के आकार के हिसाब से आकार का तत्व संबंध बताया है और इसे मैं कुछ उदाहरणों के साथ थोड़ा और अच्छे से समझ मे आये ऐसा करने की कोशिस करता हूँ।

जैसे किसी जातक का नाखून अच्छा लंबा है तो उस नाखून की वजह से उस अंगुली के परिणाम में परिवर्तन आएगा और लंबाई का संबंध हमेशा वायु तत्व से ही रहेगा।

जैसे किसी जातक का नाखून लंबाई के साथ चौड़ाई भी ठीक है तो ऐसे जातक की उस अंगुली में नाखून की वजह से आकाश तत्व का परिणाम भी आ जायेगा क्योंकि अंगुली की लंबाई का संबंध वायु से और चौड़ाई का संबंध अग्नि से है तो वायु और अग्नि आपस मे योग करके आकाश तत्व बनाती है।

आज के Episode में मैने आपका नाखून के आकार से परिचय करवाया और अगले Episode में मैं नाखून के रंग और नाखून के रंगों के तत्व संबंध पे बारे में चर्चा करूंगा।

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।।जय माता दी।।


Episode - 04 - अंगुलियों की छाप का परिचय

Episode - 04 - अंगुलियों की छाप का परिचय

।।जय माता दी।। दोस्तों

आज अंगुलियो की छाप, स्थिति और अंगुलियों के छापो के तत्व संबंध के बारे में चर्चा करेंग या यूं कहूँ की आज आपका मैं अंगुलियों के छापो से परिचय कराऊंगा

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चौथे Episode में सबसे पहले मैं बात करूंगा अंगुलियों के छाप के परिचय की,

सबसे पहले जाननेंगे की की अंगुलियों की छाप क्या है???????

अंगुलियों के पहले पौर पे जो बारीक रेखाओ से जो निशान बनता है उसे छाप कहते है छाप का भी हस्तरेखा में बहुत महत्व है और हर छाप का भी हर अंगुली पे अलग परिणाम मिलता है।

अब जाननेंगे की छाप कितनी तरह की होती है?????

      अंगुलियों की छाप में मुख्यता तीन तरह की होती है और इन्हीं तीन छापो में से अलग अलग तरह की छाप बनती है और अलग अलग अंगुली में अलग अलग परिणाम देती है।

      अंगुली पे पाये जाने वाली मुख्य तीन छाप होती है जिनके नाम इस प्रकार है आइये इसको हस्त बोर्ड पे समझते है।

सबसे पहले संख – Loop
उसके बाद मेहराब – Arch
और फिर उसके बाद चक्र – Whorl

      ये मुख्यता तीन तरह की ही छाप है और इन तीनो से मिलकर अलग अलग तरह की छाप बनती है और अलग अलग अंगुली में अलग अलग परिणाम देती है

अब चर्चा को आगे बढ़ाते हुए छापो का तत्वों से संबंध को जानेंगे और आपको ये तत्वों के क्रम से बताऊंगा और आपको भी ये तत्वों के क्रम में याद रखना है जिससे आपको आगे आने वाले विषयो में आसानी रहेगी
सबसे पहले आएगा

आकाश तत्व - जो की दक्षिणा व्रती संख (जो की  right side में घुमा हुआ हो) - Right loop को देखता है।
उसके बाद आएगा

वायु तत्व - जो की वाम व्रती संख (जो की Left side में घुमा हुआ हो) - Left loop को देखता है।

उसके बाद आता है अग्नि तत्व,
अग्नि तत्व की दो तरह की छाप है
1. मेहराब - arch
2.तम्बूकार मेहराब -Tented arch

फिर उसके बाद आता है,
जल तत्व - जो चक्र - whorll को देखता है।

सबसे अंत मे आता है,
पृथ्वी तत्व - जो छाप मिली झूली हो या जिसको नही समझ पा रहे है कि ये कौनसी छाप है या मुख्य छापो से कुछ अलग हो तो ऐसी छाप पृथ्वी तत्व को देखता है।

      ये पांचों तत्वों की पांच तरह की छाप है और ये पांचों छाप अपने तत्वों के अधीन ही अपना परिणाम देगी, इसके अलावा हर अंगुली पे हर छाप का अलग प्रभाव और अलग परिणाम देता है।

      अंगुलियों के अलावा बहुत बार इन छापो को हथेली में भी देखने आता है तो हथेली में भी ये अपने तत्व के अधीन ही काम करेंगे और अलग अलग पर्वतों पे इन छापो का अलग अलग महत्व होगा।

आज के Episode में मैने आपका अंगुलियों के छाप से परिचय करवाया और अगले Episode में मैं नाखून और नाखून के तत्व संबंध के बारे में चर्चा करूंगा।

यदि आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा  को समझना चाहते हैं, और उसकी गहराई नापने चाहते हैं और तत्व हस्तरेखा को सीखना चाहते है तो फिर मेरे Youtube Channel को Episode wise देखे ताकि आपको Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा धीरे धीरे समझ आने लगे और मेरी भी येही इच्छा है कि मैं Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को इतनी सरल भाषा मे समझाओ ताकि इसे सामान्य से सामान्य और एकदम नए लोग भी Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को सिख सके

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।।जय माता दी।।


Episode - 03 - अंगुलियों के पौर और गांठ का परिचय

Episode - 03 - अंगुलियों के पौर और गांठ का परिचय

।।जय माता दी।। दोस्तों

आज अंगुलियों के पौरो और गांठो की संख्या,उनकी स्थिति, अंगुलिये के पौर, अंगुलियों के पौरो का तत्व संबंध, अंगुलियों की गांठ और अंगुलियों के गांठो का तत्व संबंध के बारे में चर्चा करेंग या यूं कहूँ की आज आपका मैं अंगुलियों के पौरो और गांठो से परिचय कराऊंगा

मैं डॉ विवेक सुराना, आपका एक बार फिर मेरे Youtube Channel, Micro Palmistry पे हार्दिक स्वागत है।
यदि आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को जानना की जिज्ञासायें रखते है और Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा सीखना चाहते है तोे Videos को लाइक करे, शेयर करे और चेन्नल को Sabuscribe करे।

मेरे दूसरे वाले Video, Episode -2 का इतना अच्छा Response देने के लिए मैं मेरे सभी दोस्तों का तहदिल से शुक्रगुजार हूं

तीसरे Episode में सबसे पहले मैं बात करूंगा अंगुलियों के पौरो और गांठो की,

विषय को आगे बढ़ाता हुआ सबसे पहले बात करूंगा पौर की, पौर क्या होता है, अंगुली को तीन अलग अलग हिस्से में बाटने वाली स्थिति को पौर कहते है।

अब जानेंगे की गांठ क्या है, अंगुलियों के तीन हिस्सों के दो जोड़ बनते है और इन्ही जोड़ो को गांठ कहते है
सामान्यता अंगुली में तीन पोर और दो गांठ होती है जबकि अंगूठे में दो पोर और एक गांठ होती है।
आइए आपको इन पौरो और गांठो की स्थिति और नाम को हस्त बोर्ड पे समझाता हूँ

हर अंगुली में तीन पौर होते है
पहला पौर
दूसरा पौर
तीसरा पौर

जबकी अंगूठे में दो पौर होते है
पहला पौर
दूसरा पौर

हर अंगुली में दो गांठ होती है
पहली गांठ
दूसरी गांठ

और अंगूठे में एक ही गांठ होती है
पहली गांठ

अंगुलियों के अलग अलग पोर और गांठ भी अलग अलग तत्व के संबंध को दर्शाता है और पोर और गांठ की स्थिति को देख कर अंगुली के प्रभाव को पता लगाने में आसानी होती है और फलादेश के क्रम को सटीक तोर पे आगे बढ़ाया जा सकता है।

अब बात करते है कि कोनसा पोर और गांठ कोनसे तत्व को देखते है और पौरो और गांठो को, मैं तत्वों के क्रम से बताऊंगा और आपको उन्हें भी तत्वों के क्रम में ही याद रखना है ऐसा करने से आगे आने वाले विषयो में आपको आसानी रहेगी।

आकाश तत्व - दूसरी गांठ
वायु तत्व - तीसरा पोर
अग्नि तत्व - दूसरी पोर
जल तत्व - पहला पोर
पृथ्वी तत्व - तीनों पोर बराबर होने पे

नोट - पहली गांठ में जल तत्व और अग्नि तत्व का प्रभाव होता है लेकिन बहुत कम लोगो के पहली गांठ बड़ी होती है

जैसे तर्जनी अंगुली का अगर पहला पोर बड़ा हो तो जातक को जल तत्व संबंधी बहुत अच्छे परिणाम मिलते है।

हर बार हर जगह तत्व का कर्म निश्चित रहता है और वो अपने कर्म के हिसाब से ही अपना फल देता है।

तत्व हस्तरेखा में पौर की स्थिति, स्थान और लंबाई को समझने से जातक की प्रकृति के अलावा जो परिवर्तन दिखता है उसे समझने में आसानी होती है इसके अलावा जातक किस विशेष क्षेत्र में भी विशिष्ट क्षेत्र में सबसे अच्छा होगा ये समझने में आसानी देता है।

जैसे जातक डॉक्टर है लेकिन डॉक्टर में भी किसका विशेषज्ञ होगा या expert होगा ये सब भी अंगुलियों के पौरो से समझने में आसानी रहती है।

एक उदाहरण से मैं इस बात को और ज्यादा clear कर दु जैसे किसी जातक की अगर कनिष्ठा अंगुली बड़ी है तो वो जातक अच्छा डॉक्टर बन सकता है और अंगुली के साथ साथ अगर दूसरी गांठ भी बड़ी है तो ऐसा जातक स्त्रीरोग और यौन रोग विशेषज्ञ बनता है।

आज के Episode में मैने आपका अंगुलियों के पौरो और गांठो से परिचय करवाया और अगले Episode में, मैं अंगुलियों के छाप और अलग अलग छापो के तत्व सम्बंध के बारे में चर्चा करूंगा।

यदि आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा  को समझना चाहते हैं, और उसकी गहराई नापने चाहते हैं और तत्व हस्तरेखा को सीखना चाहते है तो फिर मेरे Youtube Channel को Episode wise देखे ताकि आपको Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा धीरे धीरे समझ आने लगे और मेरी भी येही इच्छा है कि मैं Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को इतनी सरल भाषा मे समझाओ ताकि इसे सामान्य से सामान्य और हस्तरेखा में एकदम नए लोग भी Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को सिख सके

अगर आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को सीखना चाहते है तो मेरे Channel को जरूर subscribe करे और साथ ही साथ Bell पे जरूर Click करे ताकि Video Upload होते ही आपको Video का Notification मिल जाये।

।।जय माता दी।।


Episode - 02 - अंगुलियों का परिचय

Episode - 02 - अंगुलियों का परिचय

।।जय माता दी।। दोस्तों

आज अंगुलिये के नाम, स्थिति, अंगुलियों के ग्रह संबंध,  अंगुलियों का तत्व संबंध और अंगुलियों की लंबाई के बारे में चर्च करेंग या यूं कहूँ की आज आपका मैं अंगुलियों से परिचय कराऊंगा

मैं डॉ विवेक सुराना, आपका एक बार फिर मेरे Youtube Channel, Micro Palmistry पे हार्दिक स्वागत है।
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मेरे पहले वाले Video, Episode -1 का इतना अच्छा Response देने के लिए मैं मेरे सभी दोस्तों का तहदिल से शुक्रगुजार हूं

दूसरे Episode में सबसे पहले मैं बात करूंगा अंगुलियों के परिचय की,

सबसे पहले अंगुलियों के नाम और उनके स्थान की चर्चा करेंगे, आइए इसको हस्त बोर्ड पे समझे
ये है अंगूठा
उसके बाद तर्जनी
फिर उसके बाद मध्यमा
फिर उसके बाद अनामिका
और सबसे आखिर में है कनिष्ठा

इनके नाम और स्थान निश्चित है इनमें कभी कोई बदलाव की गुंजाइश नही है

चर्चा को आगे बढ़ाते हुए जानेंगे की कौनसी अंगुली से कोनसे ग्रह का संबंध है, आइए इसे हस्त बोर्ड पे समझे

सबसे पहले अंगूठा, जिसका शुक्र से संबंध है
उसके बाद तर्जनी अंगुली, जिसका गुरु से संबंध है
फिर उसके बाद मध्यमा अंगुली, जिसका शनि से संबंध है
फिर उसके बाद अनामिका अंगुली, जिसका सूर्य से संबंध है
और सबसे आखिर में है कनिष्ठा अंगुली, जिसका बुध से सम्बंध है

अलग अलग अंगुलियों से अलग अलग ग्रहों के प्रभाव को समझा जाएगा।

अंगुलियों के ग्रह संबंध के बाद बात करेंगे अंगुलियों के तत्व संबंधों पे 
   
हमारे हाथो की पांचों अंगुलियां, पंचतत्व की प्रतीक है और इसी सिद्धान्त के हिसाब से भारत में हाथो से खाना खाने का प्रचलन है और जिसकी वजह से शरीर को पंचतत्व का पोषण मिलता है, यंहा तक की प्राचीन भारत मे जितने भी काम अंगुलियों से किये जाते थे उन सभी मे येही पंचतत्व विज्ञान ही काम करता है, अलग अलग अंगुली अलग अलग तत्वों को देखती है और उन तत्वों का पोषण करती है।

कौनसी अंगुली से कोनसे तत्व का पोषण होता है ये सबसे पहले समझ ले और इन्हें याद रखे क्योंकि ये बाते आगे बार बार काम आएगी और इन्हें में पंचतत्वों के क्रम से ही बताऊंगा और आपको भी इसी क्रम में याद रखना है आइए इसको भी हस्त बोर्ड पे समझे

सबसे पहले आकाश तत्व और इसे अंगूठे से देखेंगे
उसके बाद वायु तत्व और इसे मध्यमा अंगुली से देखेंगे
फिर उसके बाद अग्नि तत्व और इसे अनामिका अंगुली से देखेंगे
फिर उसके बाद जल तत्व और इसे तर्जनी अंगुली से देखेंगे
और सबसे आखिर में पृथ्वी तत्व और इसे कनिष्ठा अंगुली से देखेंगे

अलग अलग अंगुली में अलग अलग तत्वों के प्रधान गुण होते है और ये अंगुलियाँ हमेशा अपने तत्वों से संबंधित जानकारी ही सिर्फ देती है, ये था अंगुलियों और तत्वों का संबंध

यंहा एक बात मैं क्लियर कर देना चाहता हूं ताकि आपको कभी कंफ्यूज़न न हो अंगुलिया का जो मैंने तत्व संबंध बताया है वो मुद्रा विज्ञान से अलग है तो यंहा पे आपको सिर्फ Micro Palmistry के तत्व संबंध को ध्यान रखना है।

अब चर्चा करेंगे अंगुलियों की लंबाई पे और अंगुलियों की लंबाई को ले कर चल रहे भ्रम को दूर करने की कोशिस करूंगा और अंगुलियों को सबसे छोटी से बड़ी अंगुली के क्रम को बताएंगे।

सबसे छोटी कनिष्ठा, कनिष्ठ से बड़ा अंगूठा, और अंगूठे से बड़ी अनामिका, और अनामिका से बड़ी तर्जनी और तर्जनी से बड़ी या सबसे बड़ी मध्यमा अंगुली होती है इसको इसी क्रम में याद रखना है।

कनिष्ठा अंगुली, अनामिका की पहली गांठ तक या पहले पोर के आधार तक कम से कम होनी चाहिए उसके बाद सभी अंगुलिया क्रमानुसार बड़ी होनी चाहिए

Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा में अंगुलियों के अपने अनुपात से छोटा, बड़ा और सम होना जातक के फलादेश को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है इसलिए ये अंगुलियों के कर्मानुसार लंबाई का ध्यान रखना जरूरी है नही तो फलादेश कभी भी सटीक नही हो पायेगा।

जैसे आपकीं अनामिका अंगुली अपने अनुपात से बड़ी है या तर्जनी अंगुली से बड़ी है तो आप मे अग्नि तत्त्व के प्रभाव सकारात्मक होगा लेकिन जल तत्व का प्रभाव नकारात्मक भी होगा।

आज के Episode में मैने आपका अंगुलियों से परिचय करवाया और अगले Episode में मैं अंगुलियों के पौर और पौरो के तत्व संबंध पे बारे में चर्चा करूंगा।

यदि आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा  को समझना चाहते हैं, और उसकी गहराई नापने चाहते हैं और तत्व हस्तरेखा को सीखना चाहते है तो फिर मेरे Youtube Channel को Episode wise देखे ताकि आपको Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा धीरे धीरे समझ आने लगे और मेरी भी येही इच्छा है कि मैं Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को इतनी सरल भाषा मे समझाओ ताकि इसे सामान्य से सामान्य और एकदम नए लोग भी Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को सिख सके

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।।जय माता दी।।


Episode - 01 परिचय

Episode - 01


।।जय माता दी।। दोस्तों

कैसे है आप सब?????

मैं डॉ विवेक सुराना, आपका मेरे Youtube Chennal, Micro Palmistry पे हार्दिक स्वागत है।
यदि आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को जानना चाहते है, समझना चाहते है और तत्व हस्तरेखा सीखना चाहते है तोे Videos को लाइक करे, शेयर करे और चेन्नल को Sabuscribe करे।

पहले Episode और चेननल की शुरुआत में, सबसे पहले मैं अपने दोस्तों को मेरा परिचय दे दु  ताकि मेरे सभी दोस्तों को पता चल सके कि मैं कौन हूं।

मैं डॉ विवेक सुराना, सूरत (गुजरात) में रहता हूं और मेरा जन्म नागौर (राजस्थान) का है।
मैंने ज्योतिष विश्व विश्वविद्यापीठ, ओमकारेश्वर से हस्तरेखा और वास्तु PhD किया है, और Gold Medalist भी हूँ, मैं पिछले 20 सालों से निरंतर हस्तरेखा, वास्तु और पंचतववों पर Practice और रिसर्च कर रहा हूँ
पिछले 2 सालों से, मैं हस्तरेखा और वास्तु के Online और Ofline Classes भी चला रहा हूं, और मेरी Classes भी ज्योतिष विश्व विद्यापीठ के अंडर में चल रही है, मेरी Classes का भी मुझे बहुत अच्छा Response मिला और मुझे बहुत अच्छे और सच्चे विद्यार्थी मिले है और उन्ही के उत्साह से मुझे Youtube Channel बनाने की प्रेरणा मिली है
ये तो था मेरा छोटा सा परिचय और अब बात करते है मेरे विषय Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा की
हस्तरेखा, भारत के लिए कोई नया विषय नही है हस्तरेखा को युगों से भारत मे पढ़ा, जाना और समझा जा रहा है इसकी प्राचीनता भी इस बात से पता चलती है कि रावण द्वारा निर्मित रावण संहिता में हस्तरेख का विस्तृत स्वरूप मिलता है मेरे हिसाब हस्तरेखा भविष्य बताने का सबसे पुराना विषय है।

हस्तरेखा की सबसे अच्छी और सुंदर बात जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है वह यह है कि सभी धर्म के, सभी सम्प्रदाय के, सभी क्षेत्र के या पूरी दुनिया के लोग इसपे बिना भेदभाव किये समान रूप से विश्वास करते हैं, पूरी दुनिया मे इसे समान रूप से पढ़ा, जाना और समझा जा रहा है कंही कोई भेदभाव नही है।
लेकिन जिस विषय की बात करने मैं यंहा आपके सामने आया हूँ, जिसके लिए मैंने Youtube Chaennal बनाया है वो है Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा

Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को हस्तरेखा का एक अंग भी मान सकते है Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा में फर्क सिर्फ इतना है कि मैंने इसे सतत प्रयासो से पंचतत्वों के सटीक सिद्धान्तों से जोड़ दिया है और इन सिद्धान्तों से जुड़ने के बाद हस्तरेखा के रहहस्सयो को और गूढ़ता को समझने में बहुत आसानी हो गयी है
Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा में मैंने सम्पूर्ण हस्तरेखा, हथेली का आकार, हथेली की त्वचा, हथेली का रंग, अंगुलिया, छाप, पौर, पर्वत, रेखाये, निशान और दिव्य निशान सब को पंचतत्वों के सटीक सिद्धान्तों से जोड़ दिया है और ऐसा करने से हस्तरेखा, खुद ब खुद अपना फल उसका कारण और उसका निवारण बताने लगी है जिससे हस्तरेखा से फलादेश करने में बहुत आसानी हुई और फलादेश भी बहुत सटीक होने लग गया।

Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा की सबसे बड़ी बात यह है कि इससे फलादेश इतना सटीक और बहु-आयामी होता है कि किसी व्यक्ति के जीवन से संबंधित सभी बाते बहुत सटीक ढंग से पता लगाई जा सकती हैं यंहा तक की जातक की बीमारी, बीमारी कारण और इसका समाधान तक बहुत ही सटीकता से बताया जा सकता है।
पंचतत्वों को मैं जरा उनके क्रम से बता दु और उसका प्रभाव मानव जीवन पे कैसे पड़ता है उसके बारे में भी संक्षिप्त पे बता दु।

आकाश तत्व
वायु तत्व
अग्नि तत्व
जल तत्व
पृथ्वी तत्व

इन्ही पंचतत्वों से परमेश्वर ने पूरे ब्रह्मांड को बनाया है सूक्ष्म से सूक्ष्म चीज से ले कर विशाल आसमान तक सब कुछ पंचतत्वों से ही बना है।

मानव शरीर भी इन्ही पंचतत्वों से मिलकर बना है इंसान के सोचने, समझने या प्रकृति भी इन्ही पंचतत्वों के प्रभाव से अलग अलग होती है।

साथ ही साथ एक जरुरी सूचना भी मेरे दोस्तों को दे दु जो कुछ भी मैं मेरे Youtube Chennal में बताऊंगा वो मेरा निजी मत और सालों की रिसर्च का नतीजा है इसलिए अगर मेरी बात पे अगर मुझसे कोई पूछे कि आपने ये सब कोनसे शास्त्र से, कोनसे ग्रंथ से या कौनसी संहिता से बताया तो उसके लिए क्षमा चाहूंगा कि मेरे पास कोई जवाब नही है

अब आपके मन मे एक प्रश्न आ रहा होगा कि तो फिर आप कंहा से ले कर आये इस विषय को
तो मेरे दोस्तों को बता दु की ये सब मैंने अलग अलग शास्त्रों, पुराणों, वेदों, उपनिषदो, तंत्र संहिताओ से और आयुर्वेद से निचोड़ा है और उसका अर्क बना कर Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को बनाया है

अगले Episode में मैं अंगुलियों की स्थिति, अंगुलियों के नाम और अंगुलियों के तत्व संबंध में बारे में चर्चा करूंगा।
यदि आप Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा  को समझना चाहते हैं, और उसकी गहराई नापने चाहते हैं और तत्व हस्तरेखा को सीखना चाहते है तो फिर मेरे Youtube Chennal को Episode wise देखे ताकि आपको Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा धीरे धीरे समझ आने लगे और मेरी भी येही इच्छा है कि मैं Micro Palmistry - तत्व हस्तरेखा को इतनी सरल भाषा मे समझाओ ताकि इसे सामान्य से सामान्य और एकदम नए लोग भी तत्व हस्तरेखा को सिख सके

।।जय माता दी।।